जब भी सिगरेट पीने का मन होता था, तब मैं किताब पढता था, अब नशा छोड दिया: गुरप्रीत सिंह
हरियाणा/कैथल : वीएमएमए वॉरियर क्लब की बैठक चिल्ड्रन पार्क के गेट पर स्थित डॉ अम्बेडकर पुस्तकालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता सोशल एक्टिविस्ट वंदना बागडी की अध्यक्षता में हुई। नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का फिडबैक जानने के लिए बैठक का आयोजन किया गया । मंच संचालन विकांत एजुकेशन एवं मार्शल आर्ट एनजीओ के संस्थापक राजेंद्र कुमार ने किया। वंदना ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अच्छी आदतें अपना कर हम अपना जीवन बदल सकते हैं। गलत राह आसान लगती है और सही राठ पर चलना मुश्किल लगाता है। लेकिन जैसे ही हम आगे बढ़ते हैं, गलत राह पर चलने के नुकसान हमें दिखाई देने लगते हैं। जिसके बाद हमें पछतावा होने लगता है कि हमने गलत राह को क्यों चुना। उस गलत राह पर चलने की गिल्ट हमें अंदर ही अंदर कचोटती रहती है। आज का युवा नशे व गलत संगत में पडकर राह भटक चुका है। उन्हें सही राह दिखाने की आवश्कता है। वॉरियर क्लब की ओर से नशे के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें युवाओं को जागरूक किया जा रहा है ताकि वह नशे से दूर रहे। नशा पूरे परिवार को उजाडने का काम करता है। नशा हमसे हमारी जिंदगी छीन लेता है और हमें अपराध की दलदल में धकेल देता है। नशे के कारण ही युवाओं से अपराध हो जाते हैं। नशे व अपराध के कारण हमारा जीवन नर्क बन जाता है। गुरप्रीत ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ रह कर सिगरेट पीना सीख गया था। लेकिन अब उसने मन से निर्णय ले लिया है कि वह सिगरेट पीना छोड़ देगा। जब भी सिगरेट पीने का मन करता है। मैं अपने बैग में सलेब्स से अलग एक किताब रखता हूं और तब में उसे निकाल कर पढ़ने लगता हूं. तब मेरा ध्यान सिगरेट से हट जाता है। धीरे धीरे सिगरेट की लत कम होती जा रही है। वहीं दूसरी ओर प्रदीप मौन ने कहा कि वह उसे शराब पीने की लत लग गई थी। वह अकसर शराब पीने के बहाने खोजता था। जिसके बाद उसकी मुलाकात वॉरियर क्लब के सदस्य से हुई। तब उसने शराब को छोडने का मन बनाया। वह बेरोजगारी के कारण अकसर तनाव में रहता था और उस तनाव से बचने के लिए वह शराब पीने लगा। शराब पीने के बाद उसे अच्छा लगता था और जो भी समस्या थी, वह भी छोटी लगने लगती थी। काफी समय तक यही सब चलता रहा। फिर एक दिन जब क्लब के सदस्य से शराब पीने को लेकर बात चली तो उसे अच्छे से समझाया। तब से कई बार वह आकर उसे शराब का नशा छोडने के लिए प्रेरित करते थे। पहले तो कुछ समझ में नहीं आया। फिर धीरे धीरे सब समझ में आने लगा कि यह मेरा और मेरे परिवार का भला चाहते हैं और मुझे इस दलदल से निकालना चाहते हैं। तब जाकर समझ में आया कि शराब पीने के बाद नशे में समस्या तो छोटी लगने लगती थी, लेकिन रात गुजरने के बाद और नशा उतरने के बाद समस्या तो वैसे की वैसे ही बनी रहती थी।
तब मैंने खुद से कहा कि बहुत हो चुका है। नशे की आड में छीपे रहना। मैंने नशा करना छोड दिया। नशा छोडे हुए मुझे करीब तीन सप्ताह ही हुए थे। मुझे एक दोस्त का फोन आया कि क्या तुम सिक्योरिटी गार्ड का काम करना चाहते हो। मैंने तुरंत ही हां कर दी। अब मैं पैसा भी कमा रहा हूं और नशा करना भी छोड चुका हूं। इसके लिए मैं वॉरियर क्लब के सदस्यों का धन्यावाद करना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे नशा छोडने के लिए प्रेरित किया। राजेंद्र कुमार व उनकी टीम बहुत ही अच्छा काम कर रही है। यदि इसी तरह युवाओं को सही दिशा दिखाई जाए तो वह नशा करना छोड सकते हैं और अपने जीवन को सुंदर व खुशहाल बना सकते हैं। इस अवसर पर विकांत, दीपक, गुरप्रीत, प्रदीप अभिषेक, हर्ष, राजेश रंगा, कुलदीप, बलिंद्र कादियान, रिंकू, सोशल एक्टिविस्ट वंदना बागडी, सागर महेश व सनी सहित अन्य वलब सदस्य मौजूद रहे।
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